एचआईवी स्वास्थ्य बीमा
चिकित्सा प्रौद्योगिकी और उपचार प्रक्रिया में हुई प्रगति के बावजूद, एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) मानव इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस (एचआईवी) के कारण होने वाला एक पुराना, जीवन को खतरे में डालने वाले हालात वाला सिंड्रोम बन चूका है। वायरस आपकी प्रतरक्षा प्रणाली को नष्ट कर देता है और संक्रमण और बीमारियों से लड़ने की आपके शरीर की सहज क्षमता में बाधा डालता है।
एचआईवी रोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरएचआईवी/एड्स का इलाज बहुत महंगा है और इसलिए, एचआईवी रोगियों के लिए उचित चिकित्सा बीमा की नितांत आवश्यकता है। लेकिन कुछ साल पहले तक यह नामुमकिन सा लगता था।
हालांकि, 2013 में, बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए), जो भारत में बीमा कंपनियों को विनियमित ( नियंत्रित )करने के लिए सबसे ऊपर की सरकारी निकाय ( सिस्टम ) है, ने बीमा प्रदाताओं से एचआईवी रोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा अवगत कराने या चालु करने के लिए कहा। तब से कुछ प्रगति हुई है। एचआईवी रोगियों के लिए कुछ मेडिक्लेम पॉलिसी अब मानक लाभ प्रदान करती हैं जैसे कि:
- अर्हता प्राप्त ( गुणवत्ता मे खरी उतरी हुई ) डे-केयर और इन-पेशेंट की अस्पताल में भर्ती के लिए उपचार और आपूर्ति की लागत की वापसी
- सर्जनों और विशेषज्ञों की फीस की प्रतपूर्ति
- कमरे के शुल्क की वापसी
- अस्पताल में भर्ती होने से पहले/बाद के खर्च की प्रतपूर्ति
- पूर्व-निर्धारित आधुनिक उपचार लागत की वापसी
एचआईवी पॉजिटिव लोगों के लिए स्वास्थ्य बीमा में बीमित राशि INR 30,000 से INR 1 लाख तक होती है। चुनी गई बीमित राशि के आधार पर संलग्न प्रीमियम लागत अलग-अलग होती है।
यदि किसी एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को पॉलिसी शुरू होने के 90 दिनों के भीतर एड्स की पुष्टि हो जाती है, तो वह बीमा लाभों का दावा नहीं कर सकता क्योंकि प्रतीक्षा अवधि का प्रावधान लागू हो जाता है।
इसके अलावा, एचआईवी पॉजिटिव रोगियों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्राप्त करने में संरचनात्मक बाधाएं हैं क्योंकि कुछ सरकारी निकायों या गैर सरकारी संगठनों को पहले इसे प्रस्तावित करने की आवश्यकता होती है। अनिवार्य रूप से, इसका मतलब यह है कि यदि कोई व्यक्ति एचआईवी से संक्रमित है और एक स्वास्थ्य बीमा योजना खरीदना चाहता है, तो एक संस्थान, जो एचआईवी पॉजिटिव रोगियों की बेहतरी के लिए समर्पित है, को यह प्रस्ताव देना होगा।
निष्कर्षहमारे देश में एचआईवी अब भी एक टैबू बना हुआ है। अधिक अनुकूलित स्वास्थ्य बीमा उत्पाद आज के समय की मांग हैं। दुनिया भर में इस बीमारी का इलाज खोजने के लिए लगातार शोध कार्य चल रहा है। इसलिए, स्वास्थ्य बीमा योजना एक संक्रमित व्यक्ति को अपनी बचत कम होने की चिंता किए बिना इन नए उपचारों का उपयोग करने में सक्षम बनाएगी। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि भारत एचआईवी से संक्रमित लोगों की संख्या में दुनिया में तीसरे स्थान पर है, फिर भी, बीमा कंपनिया उनके लिए उचित उत्पादों को लॉन्च करने मे उतनी सक्षम नहीं हे जो उनके जीवन को आसान बनाने मे मदद करे।
स्पष्टीकरण: उपरोक्त जानकारी सांकेतिक प्रकार की है। जोखिम कारक, नियमों और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया बिक्री का समापन करने से पहले बिक्री विवरणिका और पॉलिसी शब्दों को ध्यान से देखें।